28 June 2020

Personal laon

नमस्कार दोस्तों,
आज के इस ब्लॉग में हम पर्सनल लोन (personal laon) के बारे में  जानकारी लेंगे। पर्सनल लोन ( personal laon) के बारे बहुत से लोग हमेशा ही अधिक से अधिक जानकारी लेना चाहते हैं लेकिन ज्यादा तौर पर यह जानकारी अंग्रेजी भाषा में होने के कारण बहुत से लोगों को समझने में दिक्कत हो जाती हैं। वैसे तो हम बैंक से कई प्रकार के लोन लेने जाते हैं लेकिन हमें यह पता नहीं होता हैं की कौनसे लोन के लिए हम पात्र हैं और कौनसे नहीं।


१. पर्सनल लोन (personal laon) क्या होता हैं ?
पर्सनल लोन (personal laon) के नाम से हम समझ जाते हैं की यह व्यक्तिगत कर्ज होता हैं । यह लोन बैंक ख़ासकर कर नियमित आय वाले ग्राहकों को देता, जैसे की हर महीने पगार अपने बैंक में जीन ग्राहकों का होता हैं उन ग्राहकों बैंक पर्सनल लोन (personal laon) उपलब्ध कराता है। पर्सनल लोन के राशी का उपयोग ग्राहकों के ऊपर निर्भर करता है की वोह राशी वोह किस तरह इस्तेमाल करें। इसपर बैंक किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाता , जैसे की होम लोन के लिए ग्राहक सिर्फ वह राशी सिर्फ घर बांध सकता हैं।
२. पर्सनल लोन (personal laon) कौन के सकता हैं?
पर्सनल लोन लेने के लिए ग्राहक का सैलरी खाता (salary account) उस बैंक में होना ज़रूरी है जिस बैंक से ग्राहक पर्सनल लोन के लिय आवेदन दे रहा हो।
३. पर्सनल लोन के लिए दस्तावेज।
हर बैंक पर्सनल लोन (personal laon) के लिए लगभग एक जैसे ही डॉक्यूमेंट लेता है।
१. बैंक पासबुक २.जिस बैंक में पर्सनल लोन के लिए आवेदन दे रहे हो पर आपकी सैलरी होना ज़रूरी है।३. आपका केवाईसी याने कि आधार कार्ड, वोटर आईडी, पान कार्ड , इनकम टैक्स रिटर्न 2 से 3 तीन साल तक का होना ज़रूरी होता है।
४. पर्सनल लोन (personal laon) के लिए सिबिल स्कोर कितना होना ज़रूरी है।
यह तो हर बैंक का नियम अलग अलग होता हैं कोई बैंक सिबिल स्कोर की मर्यादा 650 से 700 तक रखी गई हैं।
5. पर्सनल लोन (personal laon) कितना मिलता है।
पर्सनल लोन कितना मिलेगा यह हमारी सैलरी के ऊपर निर्भर करता है बहुत से बैंक अधिकतम 25 लाख तक के लोन अपने ग्राहकों उपलब्ध कराते हैं। पर्सनल लोन (personal laon) ग्राहक को उनके ग्रॉस सैलरी का 35% हिस्सा नेट टेक होम के लिए याने की 35% हिस्सा व्यक्ति के घर खर्च के लिए माना जाता हैं, उदाहरण के लिए अगर देखे तो अगर किसी व्यक्ति को 100 रुपए सैलरी ही तो उसका 35 रुपए घर खर्च और अगर उसमें भी  किसी प्रकार की कटौती होती हो तो ,जो नेट सैलरी बचती हैं उसपर हमारा पर्सनल लोन (personal laon) मिलता है।
६. पर्सनल लोन (personal laon) के लिए ब्याज दर।
वैसे तो पर्सनल लोन के लिय हर बैंक ज्यादा ब्याज दर लगाता है। यह ब्याज दर 11% से लेकर 16% तक होता हैं। और इस लोन को चुकता करानी समय सीमा 4 साल से 5 साल तक निर्धारित की गई हैं।
बैंकिंग जगत की रोचक जानकारी के लिए हमसे बने रहिए और अगर आपके कोई सवाल बैंकिंग जगत से हैं तो हमें जरूर लिखें हम आपके सवालों पर भी ब्लॉग लिखंगे




07 June 2020

PMEGP ALL BASICS INFORMATION (

नमस्कार दोस्तों,
आज के ब्लॉग में हम भारत सरकार के रोजगार निर्माण कार्यक्रम के बारे पूरी जानकारी लेंगे,इस कार्यक्रम तथा योजना का नाम हैं PMEGP इस योजना के बारे हम आज पूरी जानकारी इस ब्लॉग में लेंगे
1.PMEGP  क्या हैं ?

यह योजना प्रधानमंत्री रोजगार योजना और ग्रामीण रोज़गर निर्माण कार्यक्रम दोनों को एक करके PMEGP यह नई योजना बनाई गई हैं। PMEGP योजना का मुख्य उद्देश्य है युवकों को स्वयं रोजगार के लिए लोन उपलब्ध कराना है।इस योजना के माध्यम से ग्रामीण और शहरी इलाकों में छोटे उद्योगों को शुरू करने के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता हैं।
२. PMEGP योजना में सब्सिडी भी मिलती हैं ?
 इस योजना के तहत सब्सिडी का प्रावधान किया हैं अगर आप अपना उद्योग ग्रामीण इलाकों में लगाना चाहते हैं तो आपको 35% तक की सब्सिडी मील सकती हैं।
साधारण वर्गवारी के लिए 25% हैं और अगर आप शहरी इलाकों में अपना उद्योग लगाना चाहते हो तो आपको 15% सब्सिडी मिलेगी ।
3.  PMEGP कौन आवेदन कर सकता हैं।
 इस योजना के तहत व्यक्तिगत, स्वयं सहायता समूह, कॉपरेटिव सोसाइटी आदि लोग इस योजना में आवेदन कर सकते है। लेकिन यह भी ध्यान रखें की आवेदक की उम्र 18 से कम नहीं होनी चाहिए।
PMEGP योजना के तहत किन किन उद्योगों के लिए लोन मिलता है।
इस योजना के तहत 1. कृषि प्रकिया उद्योग, जंगल पर आधारित उद्योग,3. हातमाग उद्योग,4. मिनरल वॉटर उद्योग 5. प्लास्टिक और रासायनिक प्रक्रिया उद्योग 6. ग्रामीण अभियांत्रिकी 7. कपड़ा और सेवा उद्योग आदि उद्योगों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
5. PMEGP के तहत कितने रुपए के लोन का आवेदन कर सकते हैं?
 PMEGP योजना के तहत बिना किसी गिरवी के रुपए के 10 लाख का लोन मिल सकता हैं, और सीजीएमएसई के तहत 25 लाख तक लोन मिल सकता हैं।
6.PMEGP आवेदन किस तरह करना पड़ता हैं।
PMEGP का आवेदन किस तरह से करना पड़ता यह हम अब जानेंगे। आवेदन करने के लिए आपका खाता किसी भी बैंक में होना चाहिए आपके पास आधार कार्ड, PAN
कार्ड आदि होना ज़रूरी है। आपको  PMEGP WEBSITE  जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना पड़ेगा और इसके बाद आप जो उद्योग करना चाहते हो उसका प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर वेबसाईट पर upload करना पड़ता है। इसके बाद आपको अपना बैंक चुनना होता हैं,जब आपका आवेदन बैंक के पास जायेगा तब बैंक पूरी छानबीन करके आपका आवेदन गुणवत्ता के आधार पर स्वीकृत किया जाएगा या फिर अस्वीकृत भी हो सकता हैं।

बैंकिंग जगत की रोचक जानकारी के लिए हमसे बने रहिए









03 June 2020

REPO RATE and REVERSE REPO RATE,

नमस्कार दोस्तों,
आज के इस ब्लॉग में हम बैंकिंग जगत के बारे में कुछ संकल्पना के बारे में आसान भाषा में रेपो रेट(repo rate), रिवर्स रेपो रेट(reverse repo rate)  के बारे में जानेंगे। इन सभी का भारत के अर्थव्यवस्था पर क्या असर होता हैं यह भी जानकारी लेंगे।
सबसे पहले हम रेपो रेट (repo rate) के बारे में जानकारी लेंगे।
१.रेपो रेट(repo rate) क्या हैं ?
रेपो रेट(repo rate) वह बैंक दर होता हैं जिसमें देश की रिजर्व या सेंट्रल बैंक व्यापारी या एनबीएफसी बैंको को अल्पकालीन कर्ज़ उपलब्ध कराता है। इस तरह का अल्पकालीन कर्ज लेने के लिए बैंको को सुरक्षा के तौर पर bond को गिरवी रखा जाता है।
उदाहरण के तौर पर हम इसको देखंगे ।
अगर कोई भी व्यापारी बैंक अपने देश के रिज़र्व बैंक से रेपो रेट (repo rate) से रुपए १०० करोड़ का कर्ज़ उठाना चाहता हो तो उस बैंक को 120 करोड़ के बोंड रिजर्व बैंक के पास गिरवी रखने पड़ते हैं। जब कोई व्यापारी बैंक यह कर्ज़ फिर से रिजर्व बैंक को वापस वापस करेगा तो वह बैंक ब्याज समेत 108 करोड़ रूपए ब्याज के साथ वापस करना पड़ता हैं। (यहां पर हम ब्याज दर 8%) और जो व्यापारी बैंक ने 120 करोड़ रूपए के बोंड गिरवी रखे होते हैं वह बोंड रिजर्व बैंक उस व्यापारी बैंक को वापस करता है।
2. रेपो रेट (repo rate) का अर्थव्यवस्था पर कैसा असर होता हैं?
 रेपो रेट (repo rate) की दर अगर कम रहती हैं तो बैंक भी अपने ग्राहकों को लोन कम दरो में उपलब्ध कराने में सक्षम हो जाता हैं और अगर यही रेपो रेट (repo rate) की दर ज्यादा हो तो बैंक अपने ग्राहकों को ज्यादा दरो से कर्ज़ उपलब्ध कराता है। लेकिन रेपो रेट (repo rate) का इस्तेमाल करके देश की रिजर्व बैंक महंगाई पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए करता हैं। 
उदाहरण से हम इसे आसान भाषा में समझाते हैं।
मान लीजिए की लोगों के पास अगर ज्यादा इनकम होने से अधिक राशी होती हैं तो इससे महंगाई बढ़न
 की संभावना होती हैं इसलिए रिजर्व बैंक ऐसे समय में रेपो रेट (repo rate) की दर बढ़ाती हैं ताकि व्यापारी बैंक को कर्ज़ महंगे दरो से मिले और व्यापारी बैंक भी अपने ग्राहकों को कर्ज़ महंगे दरो से उपलब्ध कराएं ताकि महंगाई नियंत्रण में रहें। और अगर लोगों के पास अगर कम पैसा हो तो रिजर्व बैंक रेपो रेट (repo rate)  की दर कम करके व्यापारी बैंक को कम दरों में कर्ज़ उपलब्ध कराता है ताकि बैंक अपने ग्राहकों को कम दरों में लोन उपलब्ध कराएं और बाज़ार में मंदी ना बने।
३. भारत में रेपो रेट (repo rate) का इतिहास।
अगर पिछले 10 से 12 साल का इतिहास हम देखें तो लगातार रेपो रेट (repo rate) कम होती नजर आई हैं । 31/07/2008 में यह दर 9.00% थी और अप्रैल 2020 से रेपो रेट (repo rate) 4.00% तक आरबीआई ने इसे कम किया है।
4. रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) क्या हैं?
 रोज के लेन देन के बाद व्यापारी बैंको के पास जो रकम शेष रहती हैं वह रकम सारे व्यापारी बैंक आरबीआई के पास जमा करते हैं इससे बैंको को इस जमा पर आरबीआई ब्याज भी देता हैं, इसी दर को रिवर्स रेपो रेट  (reverse repo rate) कहते हैं। रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) से आरबीआई महंगाई पर नियंत्रण रख सकता हैं। इसे उदाहरण से समझेंगे।
# मान लीजिए कि अगर आरबीआई रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) की दर कम करती हैं तो बैंक यह रकम आरबीआई के पास जमा करने के बजाए कम दरों में अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराता है। लेकिन अगर बाज़ार में ज्यादा नगद होने कारण महंगाई ना बढ़े इसलिए आरबीआई रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) की दर बढ़ाता हैं ताकि व्यापारी बैंक अपने शेष रकम आरबीआई के पास रखता है और इस तरह से महंगाई पर नियंत्रण रखा जाता हैं।
5. भारत में रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) का इतिहास।
भारत में पिछले १० से १२ सालों में रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) की दर कम होती आ रही हैं। 2008 में यह 7.00% से अप्रैल 2020 तक यह 3.35% रह गई हैं।
हम अपने सभी पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि अगर आपको बैंकिंग जगत के बारे रोचक जानकारी चाहिए तो आप हमें हमारे ब्लॉग को फेसबुक पेज पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
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30 May 2020

PSB59MINUTES ALL INFORMATION पीएसबी५९मिनिट्स. कॉम की पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों,
बैंकिंग जगत में कई तरह के बदलाव हमने पिछले ६ सालों में देखे हैं। भारत सरकार ने स्वयं रोजगार की कई सुविधाएं लोगों को उपलब्ध करायी हैं। कई तरह ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराएं हैं इनमें से एक पोर्टल पीएसबी५९ मिनट्स. कॉम(PSB59MINUTES.COM) इस पोर्टल पर जाकर हम बैंक को अपने कर्ज़ का आवेदन दे सकते हैं। आज के इस ब्लॉग में हम पीएसबी५९ मिनट्स. कॉम (PSB59MINUTES.COM) पोर्टल के बारे सारी जानकारी लेंगे।
१.पीएसबी५९मिनट्स. कॉम (PSB59MINUTES.COM) यह क्या हैं?

यह एक ऑनलाइन कर्ज़ आवेदन का पोर्टल भारत सरकार ने बनाया हैं जिससे किसी भी बैंक का ग्राहक भारत में अगर कर्ज़ लेना चाहता हो तो वोह इस डिजीटल माध्यम से कर्ज़ का आवेदन अपने बैंक को दे सकता हैं। इस आवेदन के बाद आपको बैंक से प्राथमिक स्वीकृति मील सकती हैं लेकिन यह ध्यान रखें की इसे अंतिम स्वीकृति ना समझे। इस पोर्टल से व्यक्तिगत और व्यवसायिक दोनों प्रकार के लोन का आवेदन ग्राहक दे सकता हैं।
२. इस पोर्टल(psb59minutes.com) से कितने बैंक भागीदार है?

इस पोर्टल(PSB59MINUTES.COM) से लगभग २१ बैंक भागीदार है। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आदि अन्य प्रकार के बैंक शामिल हैं।
३. इस पोर्टल(psb59minutes.com) से किस प्रकार कर्ज़ का आवेदन दे सकते हैं?
इस पोर्टल (psb59minutes.com) से व्यक्तिगत और व्यवसायिक दोनों प्रकार के कर्ज़ का आवेदन ग्राहक दे सकता हैं। उदा. मुद्रा योजना, गाड़ी का लोन, बिजनेस लोन, पर्सनल लोन आदि प्रकार के कर्ज का आवेदन इस पोर्टल से से सकते हैं।
४.इस पोर्टल(psb59minutes.com) से कितनी लोन की राशी का आवेदन दे सकते हैं?
इस पोर्टल से ग्राहक रुपए 1 लाख से 5 करोड़ तक बिना किसी गिरवी रखें बिजनेस लोन के लिए पात्र हैं। मुद्रा लोन रुपए 10 हजार से 10 लाख , पर्सनल लोन 20 लाख, होम लोन 10 करोड़, ऑटो लोन 1 करोड़ तक आवेदन दे सकता हैं। इसमें व्यवसायिक लोन का ब्याज दर 8.5%से आगे शुरू होता हैं।
५. क्या इस पोर्टल(psb59minutes.com) के लिए जीएसटी नंबर अनिवार्य हैं?
जी नहीं अगर आपके पास जीएसटी नंबर नहीं है तो भी आप इस पोर्टल द्वारा पंजीकरण कर सकते हैं।
५. पोर्टल(psb59minutes.com) का इस्तेमाल कैसे करें ? तकनीकी जानकारी के साथ।



सबसे  पहले आपको पीएसबी५९मिनट्स. कॉम  (psb59minutes.com) इस वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना पड़ेगा। पंजीकरण करने लिए आपके पास आपका ईमेल, PAN कार्ड  अगर आपका उद्योग जीएसटी पंजीकृत हैं जीएसटी नंबर, आपके बिजनेस का ६ महीने पहले का बैंक का स्टेटमेंट ज़रूरी हैं। इस पोर्टल पंजीकरण करने बाद आपको अपने बिजनेस सारी जानकारी जैसे की पिछले एक साल में कितना बिजनेस हुआ, अपने खाते का पीडीएफ फॉर्मेट में पिछले छह महीने का बैंक स्टेटमेंट आदि जानकारी आपको इस पोर्टल पर देना अनिवार्य है। इसके बाद दूसरे स्क्रीन में आपको अपना बैंक चुनना होता है यानी के जिस बैंक को आप अपना आवेदन भेजना चाहते वोह बैंक आपको चुनना होता हैं। फिर यह आवेदन चुने हुए बैंक के पास जाएगा।
इस पोर्टल द्वारा अब लोन बहुत ही आसान तरीके से बैंक स्वीकृत करता है।
बैंकिंग जगत की रोचक जानकारी के लिए हमसे बने रहिए







24 May 2020

सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) की जानकारी

नमस्कार दोस्तों,
मेरा यह ब्लॉग बैंकिंग जगत की मूलभूत जानकारी लोगो को समझने ने के लिय मैंने शुरू किया ।अब तक इस ब्लॉग में आपने बैंकिंग जगत के अनेक विषयों पर जानकारी पढ़ी है,आज के इस ब्लॉग में हम सिबिल स्कोर के बारे में अधिक जानकारी लेंगे। सिबिल स्कोर का उपयोग बैंकिंग जगत में बैंक से लोन लेने के लिए ग्राहकों को महत्वपूर्ण होता हैं। सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) के अनुसार ही कोई भी बैंक यह तय करता है की किसी ग्राहक लोन देना हैं या नहीं। तो आज हम विस्तार से सिबिल स्कोर (Cibil score)के बारे में जानकारी लेंगे।
१.सिबिल (CIBIL) क्या हैं?
सिबिल (CIBIL) का फूल फॉर्म हैं Credit Information Bureau (India) Limited. सिबिल की स्थापना ऑगस्ट 2000. में हुई थी। और यह भारत की पहली क्रेडिट जानकारी रखनी वाली कंपनी हैं ,जो व्यक्तिगत और व्यवसायिक कंपनियों की क्रेडिट जानकारी का इतिहास रखती हैं। इसमें अगर कोई कर्ज या क्रेडिट कार्ड लेता है तो यह जानकारी हमें सिबिल (CIBIL SCORE) में मील जाती हैं। सिबिल(CIBIL) ने लगभग 60 करोड़ व्यक्तिगत लोगों की क्रेडिट जानकारी डिजिटल रूप सुरक्षित रखी है, और व्यवसायिक कंपनियों की लगभग 3.2 करोड़ क्रेडिट जानकारी भी सिबिल के पास सुरक्षित हैं।
2. सिबिल स्कोर(CIBIL SCORE)क्या हैं ?
सिबिल स्कोर(CIBIL SCORE) तीन अंकों का नंबर होता हैं जिसमें 300 से 900 तक का स्कोर होता हैं। इस स्कोर में कर्जदार की लेनदेन नकी पूरी जानकारी दी जाती हैं। उदाहरण से समझेंगे अगर किसी व्यक्ति ने 2018 मैं रुपए 500000/ का कर्ज लिया हो और उसने आजतक जितने भी किश्त बैंक को अदा किया है या फिर कोई किश्त थकीत हो तो इसकी जानकारी हमें सिबिल में पता चलती हैं। अगर कोई कर्जदार अपनी किश्त समय से ना चुकता हो तो भी इसमें हमें जानकारी मिलती हैं।



2. सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) कैसेपढ़ते हैं?
सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) तीन अंकों वाला होता हैं जिसमें 300 से 900 तक का स्कोर दिया जाता हैं। 300 या उससे कम स्कोर काफी ख़राब माना जाता हैं, और 700 से अधिक का स्कोर काफी अच्छा माना जाता हैं। लेकिन काफी लोगों को यह स्कोर कैसे तय किया जाता हैं इसकी जानकारी नहीं होती और इस स्कोर को कैसे पढ़े यह भी बहुत कम लोगों को पता होता हैं।




ऊपर दिए गए इमेज से हम यह विस्तृत रूप से देखेंगे। अगर हम बाय से देखेंगे तो हमे नज़र आ रहा हैं की  55 और उसके ठीक नीचे दिख रहा हैं 02/20 इसका अर्थ है यह हुआ को कर्जदार व्यक्ति ने अपनी किश्त फ़रवरी 2020 महीने तक 55 से नहीं चुकाई हैं। इसके दाए और अगर हम देखेंगे तो 000 और 05/2019 दिख रहा हैं, इसका अर्थ यह है की मई महीने तक किश्त किसी भी प्रकार से थकित नहीं है। इसी प्रकार से हमारा क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है अगर हम नियमित रूप से कर्ज़ की किश्त समय पर चुकाते हैं।
3. सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) कहां से प्राप्त करें?
आज कल हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन हैं इसलिए अब हम सिबिल स्कोर ऑनलाइन मुफ्त में प्राप्त कर सकते अगर आप गूगल करेंगे तो आपको कई वेबसाईट की जानकारी मिल जाएगी । सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) चेक करने के लिए हमें आधार कार्ड,PAN कार्ड , मोबाईल नंबर आदि चीज़ो की जरूरत होती हैं।
बैंकिंग जगत की रोचक जानकारी के लिए हमसे बने रहिए, और हमारे ब्लॉग बैंकिंग और फाइनेस से जुड़े रहिए।
धन्यवाद।















10 May 2020

MUDRA LOAN (मुद्रा लोन)

नमस्कार दोस्तों ,
दोस्तों आज हम इस ब्लॉग में मुद्रा लोन के बारे में रोचक जानकारी लेंगे।



१.मुद्रा लोन(MUDRA LOAN) क्या है?
मुद्रा लोन (MUDRA LOAN )की शुरुवात भारत सरकार ने 8 अप्रैल 2015 को की थी । इसका मुख्य उद्देश्य छोटे उद्योगों को आर्थिक सहायता बैंक कर्ज के रूप में उपलब्ध कराना था। मुद्रा लोन(MUDRA LOAN) के बारे हम पूरी प्रक्रिया आज हम जानेंगे। मुद्रा लोन (MUDRA LOAN) को तीन कैटेगरी में बांटा गया है।
1. शिशु लोन : इस कैटेगरी में रुपए 50000/ तक के लोन उपलब्ध कराया जाता हैं।
2. किशोर लोन:इस कैटेगरी में रुपए 5000 से 500000/तक के कर्ज उपलब्ध कराया जाता हैं।
3. तरुण लोन: इस कैटेगरी में रुपए 500000 से 1000000/ तक के कर्ज उपलब्ध कराया जाता हैं।
2. मुद्रा लोन(MUDRA LOAN) कौन ले सकता हैं?
  मुद्रा लोन वह व्यक्ति ले सकता हैं जो कुछ नया बिजनेस शुरू करना चाहता हो या फिर पहले से जिसका कुछ उद्योग हो और उस व्यक्ति को अपना उद्योग बढ़ाना हो तो मुद्रा लोन ले सकता हैं।
उदा: चाय का दुकानदार, किराना व्यापारी, फल का व्यापारी, इत्यादि।
3. मुद्रा लोन (MUDRA LOAN)के लिय कौनसे दस्तावेज लगते हैं?
  मुद्रा लोन(MUDRA LOAN) के लिय सबसे पहले आपको बैंक में खाता खोलना जरूरी हैं , और उसमे लगातार लेन देन शुरू रखें ताकि आपका क्रेडिट बैंक में अच्छा रहेगा।
2. आपको जिस उद्योग के लिए मुद्रा लोन (mudra loan) उठाना हैं  उसका पंजीकरण तहसील या ग्रामपंचायत कार्यालय में जरूर करें और वह प्रमाणपत्र लोन लेते समय बैंक को दे।
3. आपको अपना केवाईसी बैंक को देना होता हैं , केवाईसी में आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और अगर आपके पास कार्ड हैं तो भी आप जमा कर सकते हैं।
4. मुद्रा लोन(mudra loan) कितने दिनों में स्वीकृत किया जाता हैं?
   आप अपना आवेदन बैंक में देने के बाद कम से कम 15 दिनों के भीतर आपका लोन बैंक को स्वीकृत या अस्वीकृत करना होता हैं। अगर आपका आवेदन किसी कारण अस्वीकृत हो जाता हैं तो बैंक को आपको लिखित में कारण देना होता हैं।
5. मुद्रा लोन (mudra loan) के लिए बैंक का ब्याज दर क्या होती हैं।
 वैसे तो आज कल हर बैंक मुद्रा लोन के लिए 9 से 9.5% तक ब्याज दर लगाता है, लेकिन अब यह ब्याज दर 7.5से 8.5%तक कम हो गए हैं।
6. मुद्रा लोन कितनी अवधी में बैंक को वापस करना पड़ता है।
 मुद्रा लोन(mudra loan) को वापस करने के लिए वैसे तो 5 साल की अवधी दी जाती है। लेकिन यह किश्त हर माह,हर तीन माह, हर छह माह के अवधी से आपको पांच साल तक वापस करना पड़ता हैं।
7.मुद्रा लोन(mudra loan) लेने के बाद क्या उद्योग का बीमा अनिवार्य है?
  जी हां अगर आप बैंक से मुद्रा लोन (mudra loan)  le आपको बीमा करना अनिवार्य होता हैं।
8. क्या मुद्रा लोन लेते समय सिक्योरटी देना अनिवार्य है।
जी नहीं भारत सरकार के नियम के अनुसार रुपए 1000000/तक लोन के लिय किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी मॉर्गेज करना अनिवार्य नहीं है।
9.मुद्रा योजना के बारे कुछ रोचक तथ्य
मुद्रा योजना जबसे शुरू हुई हैं तबसे लेकर आजतक कई लोगों ने इस योजना के तहत लोन उठाएं है और अपना बिजनेस शुरू किया है। यह योजना सन 2015 में शुरू हुई और 2018-19 तक करोड़ों लोगों ने इसका लाभ उठाया हैं।
सन 2018-19 तक कुल लगभग 8करोड़ 80 लाख लोगों ने मुद्रा योजना का लाभ उठाया हैं । इस तरह की बैंकिंग जगत से बने रहने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बैंकिंग जगत से जुड़े सवाल पूछे । हम आपके सवालों पर भी ब्लॉग  में जानकारी देंगे।








26 April 2020

स्वयं सहायता समूह (SELF HELP GROUP)

नमस्कार दोस्तों,
  आज के ब्लॉग में हम स्वयं सहायता समूह  ()  के बारे में जानकारी लेंगे।




१. स्वयं सहायता समूह(SELF HELP GROUP) क्या होता हैं ?
  स्वयं सहायता समूह (SELF HELP GROUP)समान सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि वाले 10 -20 सदस्यों एक स्वैच्छिक समूह होता हैं। इस समूह के सदस्य अपनी कमाई की बचत करते हैं , और इसी बचत सदस्य अपनी आर्थिक समस्या का समाधान करते हैं। जो बचत यह सदस्य करते हैं इसी बचत से आंतरिक कर्ज आपसे बाठते हैं।
2. स्वयं सहायता समूह(SELF HELP GROUP) की स्थापना कैसे करते हैं?
भारत सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण उपजीविका मिशन (NATIONAL RURAL LIVEHOOD MISSION) की शुरुआत 2011 में गरीबी निर्मुनल कार्यक्रम के तहत की थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को एकत्रित करके स्वयं रोजगार निर्माण करना था। यह योजना 2011 में $5.1 अरब डॉलर के साथ शुरू किया था, ईसमे वर्ल्ड बँक भी सहयोग देता रेहता हैं। स्वयं सहायता समूहों की स्थापना करने के लिए कमसे कम १० और ज्यादा से ज्यादा २० सदस्य होना अनिवार्य है। इसके बाद पंचायत के सदस्य स्वयं सहायता समूह के अधिकृत स्थापना का पत्र महिलाओं को देता हैं।
३. स्वयं सहायता समूहों(SELF HELP GROUP) को  क्या सुविधाएं मिलती हैं।
 स्वयं सहायता समूहों(SELF HELP GROUP) को सरकार और बैंक कई सुविधाएं देता
हैं। आरबीआई (RBI) के नियम के अनुसार स्वयं सहायता समूहों को रुपए 15000 की सहायता समूहों को बैंक खाते में मिलती हैं ।यह राशी उन्हीं स्वयं सहायता समूहों को मिलता है जो कुछ नियमों का पालन करते हैं।
 १. जो स्वयं सहायता समूह(SELF HELP GROUP) नियमित रूप से मीटिंग लेते हो
२. जो स्वयं सहायता समूह(SELF HELP GROUP)  नियमित रूप से अपने बचत की रकम अपने जरूरत मंद सदस्यों को कर्ज के रूप में देते हो।
३. जो स्वयं सहायता समूह अपना खाता अच्छे से रखते हैं उनको बैंक द्वारा सेल्फ हेल्प ग्रुप लिंकेज कार्यक्रम के तहत कर्ज उपलब्ध कराया जाता हैं।
 हमें यह ध्यान रखना जरूरी है कि एनआरएलएम () और स्वयं सहायता समूहों(SELF HELP GROUP) के वजह से कई महिलाओं को रोजगार मिला है और उनके जीवन में वह आर्थिक रूप से काफी स्वयंपूर्ण हो गई हैं ।अब तो बहुत सी कम्पनियां अपने काम स्वयं सहायता समूहों(SELF HELP GROUP) को काम दे रहें हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NATIONAL RURAL LIVEHOOD MISSION) के बारे में रोचक जानकारी।
यह अभियान भारत में काफी सफल हो चुका है ।
१.6035 ब्लॉक इसमें समाविष्ट कि गए हैं। २.63 लाख स्वयं सहायता समूह की स्थापना और सभी कार्यरत हैं। 3. 6.85 करोड़ घरों में यह अभियान पहुंच चुका है। कोरोनावायरस संक्रमण के इस दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों ने 2.70करोड़ मास्क बनाएं और जो सामग्री कोरोनावायरस के संक्रमण बचाव के लिए जरूरी वोह भी इन समूहों ने बनाई है, इसमें सनिटीज़र , किट इत्यादि ।
सभी प्रकार के बैंको ने स्वयं सहायता समूहों को 6.4 हजार करोड़ के कर्ज का आवंटन किया है।
एक समय ऐसा था जब ग्रामीण इलाकों के लोगों को छोटे छोटे कर्जो के लिए साहूकारों से कर्जा उठाना पड़ता था और इस कर्ज को चुकाने के लिए उन्हें ज्यादा ब्याज भी चुकाना पड़ता था। लेकिन अब स्वयं सहायता समूहों के वजह से बैंक से कम ब्याज पर कर्ज उठाना आसान हो गया है।
बैंकिंग जगत के रोचक जानकारी के लिए हमसे बने रहिए।




Personal laon

नमस्कार दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में हम पर्सनल लोन (personal laon) के बारे में  जानकारी लेंगे। पर्सनल लोन ( personal laon) के बारे बहुत से...