24 February 2020

नेट बैंकिंग और मोबाईल बैंकिंग में क्या अंतर होता हैं ?

दोस्तों आज हम बैंकिंग के डिजिटल प्रारूप के बारे में खास जानकारी लेंगे इस में नेट बैंकिंग, मोबाईल बैंकिंग, और भीम अप्लिकेशन के बारे पूरी जानकारी लेंगे साथ ही हम इनके सुरक्षित प्रणाली के बारे में भी जानकारी लेंगे।

१.नेट बैंकिंग क्या है?
 नेट बैंकंग एक डिजिटल लेन देन की प्रणाली हैं जिसके ज़रिए ग्राहक अपने खाते के कई प्रकार के काम घर बैठें है कर सकता है । ग्राहकों को छोटे छोटे काम के लिए बैंक में जाने के जरूरत नहीं होती हैं। भारत में नेट बैंकिंग की शुरुवात सन 1998 में हुई थी , इसे सबसे पहले आईसीआईसीआई बैंक ने लागू किया था। इसके बाद धीरे धीरे सभी बैंको ने यह सुविधा अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराई और आज यह प्रणाली बड़े पैमाने पर लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। 
2.नेट बैंकिंग कैसे इस्तेमाल करें ?
 अगर आपको नेट बैंकिंग अपने खाते से जोड़ना हो तो आपको अपने बैंक में जाकर नेट बैंकिंग प्रणाली को कार्यरत (एक्टिव)करना होगा। नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते समय हर ग्राहक को यूजर आईडी लेना होता हैं यूजर आईडी यूनिक होता यह नंबर या फिर अल्फा नुमरिक भी हो सकता है , साथ ही आपको लॉगिन पासवर्ड भी एक्टिव करना पड़ता हैं,और आखरी में हर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक को ट्राज्याक्शन पासवर्ड भी लेना होता हैं। यह तीन प्रणाली के बगैर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल ग्राहक नहीं कर सकता।  
3. नेट बैंकिंग की विशेषताएं क्या है ?
नेट बैंकिंग से ग्राहक अपने खाते से दूसरे बैंक के या फिर अपने ही बैंक के ग्राहकों को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। नेट ऐसे एक दिन में हम 25 लाख से भी ज्यादा रकम ट्रासंफर कर सकते हैं । लेकिन इससे भी ज्यादा कई प्रकार के बैंकिंग कार्य हम नेट बैंकिंग से कर सकते हैं।
नेट बैंकिंग से किय जाने वाले कार्य
बहुत सारे नेट बैंकिंग के उपयोगकर्ता सिर्फ  इतना जानते होंगे  की यह सुविधा सिर्फ रकम ट्रांसफर के लिए होती हैं , लेकिन नेट बैंकिंग से ग्राहक अपने खाते का ऑनलाईन स्टेटमेंट , एटीएम कार्ड ब्लॉक करना, लॉकर के लिए ऑनलाइन आवेदन करना, फिक्स डिपॉजिट करना, आधार कार्ड लिंक करना, डीमैट से अपना खाता जोड़ना , ऑनलाईन शेयर खरीदने के लिए आवेदन करना इत्यादि कई प्रकार के काम हम नेट बैंकिंग से कर सकते हैं। नेट बैंकिंग से हम नेफ्ट, आरटीजीएस, आईएमपीएस इत्यादि कार्य जो बैंक करता है वहीं काम हम नेट बैंकिंग से कर सकते हैं।
4. मोबाईल बैंकिंग क्या हैं ?
 जो कार्य हम नेट बैंकिंग से कर सकते हैं वहीं कार्य हम मोबाईल बैंकिंग से कर सकते हैं लेकिन इसमें मूलभूत फरक यह है कि नेट बैंकिंग हम वेबसाईट से डेस्कटॉप , लैपटॉप द्वारा ऑपरेट कर सकते हैं लेकिन मोबाईल बैंकिंग हम सिर्फ मोबाईल अप्लिकेशन द्वारा ही ऑपरेट कर सकते हैं। मोबाईल बैंकिंग से हम आईएमपीएस और NEFT से रकम ट्रांसफर कर सकते हैं। मोबाईल बैंकिंग शुरू करने के लिए ग्राहकों को अपने बैंक शाखा में जाकर मोबाईल बैंकिंग एक्टिवेट करा सकते हैं। मोबाईल बैंकिंग से फिक्स डिपॉजिट करना, एटीएम कार्ड ब्लॉक करना, खाते स्टेटमेंट लेना, टैक्स सर्टिफिकेट प्राप्त करना , लाइट बिल भरना , मोबाईल, डीटीएच रिचार्ज करना इत्यादि प्रकार के कार्य हम मोबाईल बैंकिंग से कर सकते हैं । लेकिन हर एक ग्राहक को यह सवाल आता हैं की आखिर मोबाईल बैंकिंग और नेट बैंकिंग में क्या फरक होता हैं ? तो यह जान के की अगर आपको एक ही बार में 5 से 10 लाख रकम ट्रांसफर करना हो तो आप नेट बैंकिंग से यह रकम ट्रांसफर कर सकते हैं लेकिन हम मोबाईल बैंकिंग से इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर नहीं कर सकते। मोबाईल बैंकिंग से हम ज्यादा तर एक दिन में 2 लाख रुपए तक की रकम ही ट्रांसफर कर सकते हैं। मोबाईल बैंकिंग से ग्राहक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सकता लेकिन यह सुविधा ग्राहकों को नेट बैंकिंग में उपलब्ध हैं।
  





04 February 2020

डेबिट (Debit)और क्रेडिट (Credit) कार्ड की जानकारी।

आज हम डेबिट और क्रेडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी लेंगे। आज कल डेबिट और क्रेडिट कार्ड होना एक आम बात होती हैं, लेकिन इसके बारे में बहुत से लोगों आज भी ज्यादा जानकारी नहीं की इनमें  क्या खासियत होती हैं। आज के ब्लॉग में हम डेबिट और क्रेडिट कार्ड के बारे में पूरी जानकारी लेंगे।
१.डेबिट कार्ड क्या होता है?
 डेबिट कार्ड एक प्लास्टिक कार्ड होता हैं जो सीधे हमारे खाते से जोड़ा होता हैं,जो सीधे हमारे बैंक खाते से जुड़ा होता हैं। डेबिट कार्ड की सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कई कंपनियां दुनिया में उपलब्ध हैं। उदा. मास्टर, माएस्ट्रो,विसा,अमेरिकन एक्सप्रेस और हमारे देश की रुपए कार्ड इत्यादि । डेबिट कार्ड को एटीएम कार्ड भी कहा जाता हैं।एटीएम कार्ड का पहले बार 1967 में लंदन में उपयोग किया गया। डेबिट कार्ड से हम एटीएम से नगद राशि निकाल सकते है,साथ ही हम इसका उपयोग शॉपिंग के लिए भी कर सकते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कोई भी बैंक अपने ग्राहकों को शॉपिंग के लिए एटीएम का उपयोग करने की अनुमति कैसे देता हैं? यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्रकिया होती हैं एक बैंक कई हजार वेबसाइट के साथ अपने बैंक नेटवर्क्स कों जोड़ता है ताकि उनके ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन कर सके। उदा. जब हम ऑनलाईन सिनेमा टिकट घर बैठकर बुकमाय शो वेबसाईट से खरीदते हैं और पेमेंट अपने डेबिट कार्ड से करते है तो इसका सीधा मतलब यह हुआ की हम जिस बैंक का डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं उस बैंक ने और बूकमाय शो ने अपने नेटवर्क्स एक दूसरे के साथ कनेक्ट किए हैं।
  डेबिट कार्ड की अनिवार्यता यह है की अगर हमारे खाते में जों राशी उपलब्ध होती हैं बस उसिका उपयोग हम कर सकते है।  कई बैंक अपने ग्राहकों को अब डेबिट कार्ड पर 2 लाख से 10 लाख तक बीमा जोखिम की सुविधा उपलब्ध करा रहा हैं। पहले डेबिट कार्ड बिना चीप के हुआ करते थे लेकिन अब सुरक्षा के कारण सभी डेबिट कार्ड को चीप अनिवार्य कर दी है, चीप होने के कारण एटीएम का क्लोन करना अब मुश्किल हो गया है।
2. क्रेडिट कार्ड क्या होता हैं?
  डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में एक मूलभूत फरक होता हैं वोह यह की डेबिट कार्ड हम अपने बैंक खाते में अगर राशि हो तो तभी हम डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं । लेकिन क्रेडिट कार्ड इससे अलग होता हैं । क्रेडिट कार्ड बैंक अपने ग्राहकों को लोन की तरह उपलब्ध कराता है।ऐसे भी हम प्लास्टिक मनी कह सकत हैं, लेकिन क्रेडिट कार्ड की एक खासियत हैं की हम अपने खाते राशी रखे या ना रखे हमें यह सुविधा बैंक ओवड्राफ्ट की तरह उपलब्ध कराता है। क्रेडिट कार्ड से ज्यादातर लोग ऑनलाईन शॉपिंग करते हैं । क्रेडिट कार्ड से हम एटीएम से कैश भी निकाल सकते हैं,पर बैंक एटीएम से कैश निकालने पर उसी समय ग्राहकों से 100 से 150 रुपए शुल्क वसूल करता है और जिस दिन से हम कैश निकालते हैं उस दिन से 2% प्रति महीने हम से ब्याज वसूल करता है । इसलिए क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना उतना मदत पूर्ण नहीं होता। क्रेडिट कार्ड पर भी बैंक अपने ग्राहकों को 200000 से 1000000 तक बीमा उपलब्ध कराता है।
3.क्रेडिट कार्ड बैंक किस ग्राहकों को देता हैं?
वैसे तो क्रेडिट कार्ड बैंक उनी ग्राहकों को देता हैं जिनकी इनकम अच्छी हो और वह ग्राहक किसी भी बैंक का डिफॉल्टर ना हो । ज्यादातर बैंक नोकरी या बिजनेस वालों को ही क्रेडिट कार्ड की सुविधाएं उपलब्ध कराता है।

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नमस्कार दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में हम पर्सनल लोन (personal laon) के बारे में  जानकारी लेंगे। पर्सनल लोन ( personal laon) के बारे बहुत से...