30 December 2019

बैंक खातों के चेक (Banking and Cheque)के बारे मैं रोचक जानकारी...

आज हमारे देश में लगभग सभी लोगो के पास किसी ना किसी बैंक में खाता हैं और कुछ लोग बैंकिंग व्यवहारों मैं चेक्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई लोगो को चेक के इस्तेमाल करने में काफी दिक्कत आती हैं, कई बार इसके नियमों के बारे में भी हम अज्ञात रहते हैं, और कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। इस आर्टिकल में हम चेक के इस्तेमाल की  कई रोचक जानकारी लेकर उसका सही तरीके  से इस्तेमाल बैंकिंग क्षेत्र में कर सकते हैं, और आनेवाली परेशानियों से बच सकते हैं।
१.चेक क्या होता हैं?
Negotiable instrument act 1881 के अनुसार चेक वह इंस्ट्रूमेंट है जिसके मांग पर राशि देना अनिवार्य होता हैं। लेकिन जब हम बैंक में जाकर निकासी स्लिप पर पैसा निकालते हैं तब N.I.act चेक का कानून लागू नहीं होता हैं।
२. कॅन्सल चेक क्या होता हैं?
 कॅन्सल चेक का उपयोग खाताधारक के खाता क्रमांक, IFSC कोड और खाताधारक के नाम की वैधता कैंसल चेक से मालूम होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की कैंसल चेक पर खाताधारक को अपना हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं होती।
3. क्रॉस चेक और बियरर चेक मै क्या फरक होता हैं?
क्रॉस चेक पर जिस व्यक्ति का नाम लिखा होता हैं,उस चेक की राशि  सिर्फ उसी व्यक्ति के खाते में जमा होती है, क्रॉस चेक पर हम बैंक से कैश नहीं निकाल सकते लेकिन बियरर चेक से हम बैंक से कैश निकाल सकते हैं चाहे उस पर किसी भी व्यक्ति का नाम क्यूं ना लिखा हो। यह मूलभूत फरक ध्यान रखने योग्य हैं।
४. चेक की वैधता कितने दिनों तक होती हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमानुसार अब डिमांड ड्राफ्ट और चेक की वैधता सिर्फ 90 दिनों तक ही रहती हैं। अगर आपको कोई व्यक्ति या व्यापारी चेक देता हैं और किसी कारण वर्ष वह चेक की राशि का भुगतान नहीं कर पाता हैं तो सबसे पहले आपको लिखित में उस व्यक्ति को नोटिस भेजना होता है ,15 दिन के भीतर अगर वह व्यक्ति आपके चेक की राशी देने में असमर्थ रहता हैं तब जाकर आप उसके खिलाफ N.I.act 138 कि नोटिस भेजकर कोर्ट मै मुकदमा दर्ज करा सकते हैं।
5. चेक पर मुद्रित विविध अंकों के अर्थ क्या हैं?
बैंक चेक पर विविध अंक मुद्रित होते हैं और इन अंकों का बैंकिंग जगत में अपना ही एक महत्व होता हैं और इन्ही अंकों द्वारा चेक का व्यवहार किया जाता हैं, चेक पर सबसे बांए जगह पर को छह अंक होते है वह चेक के नंबर होते हैं ऊपर जो "024900" यह अंक हैं उसे चेक नंबर कहा जाता है ,उसके बाद के नौ अंको को  "मैग्नेटिक इंक क्यारैक्टर रिकोग्निनेशन"(MICR CODE) कहा जाता है। ऊपर जो चेक प्रतिमा है और जो 9 अंक है "425016662" इन्हें MICR कोड कहा जाता हैं। इन अंकों में जो शुरू के तीन अंक "425" यह उस शहर के कोड को दर्शाता है ,उसके के बाद के तीन अंक "016" यह उस बैंक कोड को दर्शाता है जो आरबीआई ने बैंक जो आबंटित किया होता है, और आखरी के तीन अंक "662" ब्रांच कोड  को दर्शाता है,इसके बाद के छह अंक "000888" खाते का हिस्सा दर्शाता हैं , और आखरी दो अंक "31"यह दर्शाता है की वह चेक सभी जगह देय है यानी उस चेक से देश में किसी भी जगह से व्यवहार किया जा सकता है।

  बैंकिंग विषय के बारे में अगर आप और भी कोई जानकारी लेना चाहते हो तो नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जरूर लिखे आपके मांग पर हम आपको बैंकिंग जगत की जानकारी आप तक इस ब्लॉग के माध्यम से लाएंगे।









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